276 कर्मचारियों को निकालने के बजाय उन्हें नियुक्त करने वाले दोषी भ्रष्टाचार अधिकारी के विरूद्ध हो कड़ी कार्यवाही- पंकज आचार्य
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पंकज आचार्य ने शिक्षा विभाग से 276 कर्मचारियों को निकालने की कार्यवाही का कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल बेरोजगारों को नौकरी देने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सालों से सत्य-निष्ठा और ईमानदारी से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को शिक्षा विभाग ने कांग्रेस सरकार के आदेश पर ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये अपने आप में बड़ी विडंबना है कि बेरोजगारों नौकरी देने का झूठा दावा सरकार के मुखिया कर रहे हैं और दूसरे दरवाजे से कर्मचारियों को निकाल बाहर कर रहे हैं।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पंकज आचार्य ने कहा कि जिस अधिकारी ने अवैध रूप से इन कर्मचारियों को नियुक्ति दी, उनके विरूद्ध कोई भी कार्यवाही राज्य सरकार ने नहीं की है, बल्कि ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी को नारायणपुर जिले का जिला शिक्षा अधिकारी बनाकर उन्हें उपकृत किया गया है और जिन कर्मचारियों ने नौकरी लगने की आस में अपनी सेवा देनी शुरू कर दी, उसे राज्य सरकार ने जांच में अवैध घोषित कर दिया है।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पंकज आचार्य ने कहा कि राज्य सरकार ने 276 घरों का चूल्हा एक झटके में ही बुझा दिया है और नौकरी देने के नाम पर रकम की वसूली करने वाले भ्रष्टाचारी अधिकारी रहे बस्तर जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी श्री राजेंद्र झा को नारायणपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में बैठाए रखा है। इससे ये साफ तौर पर जाहिर होता है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को पूर्ण रूप से संरक्षण दे रही है। नियुक्तियों के अवैध होने के बावजूद अब तक उक्त अधिकारी के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं किया जाना, कहीं न कहीं सरकार की भूमिका भी संदेह के दायरे में ला रही है।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पंकज आचार्य ने मांग की है कि 276 कर्मचारियों को निकालने के बजाय उक्त दोषी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए और इन 276 कर्मचारियों को अब तक दिए गए वेतन की वसूली करने के साथ ही इन कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि 276 घरों के चूल्हे बुझ न पाएं।